तुझको क्या हुआ मेरे दोस्त.......
आकर मेरे पास...
थोड़ी देर बैठ जा.....
पता नहीं क्यों मुझको...
तेरी याद सताती...
पता नहीं तू मुझे याद करती है या नहीं....
पर मुझे तेरी याद आती है....।
प्रस्तुतकर्ता मेरी बात @ 5:30 am 0 टिप्पणियाँ
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रुक जाना नहीं.... तू कभी हारकर...
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